2 Feb 2012

आर्यभट्ट बनाम Kepler

आज चर्चा ग्रहों की गति पर। जर्मन खगोलविद Johannes Kepler ने ग्रहों की गति का नियम दिया। 1609 AD में। लेकिन भारतीय विद्वान आर्यभट्ट ने इसका वर्णन किया है। केपलर से बहुत बहुत पहले, 5 वीं ईसवी सदी में। आर्यभटीयम के अध्याय 3 का 17 वां श्लोक देखिए....। इसका मतलब निकलता है कि...
सारे ग्रहों-उपग्रहों में गति होती है। धुरी पर घूमने के साथ यह अपनी दीर्घवृत्ताकार कक्षा में भी चक्कर लगाते हैं। दोनों गतियों की दिशा नियत रहती है।


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