17 Jan 2012

"सर्वम् खलु, इदम् ब्रह्म"

 आज हम बात तीन पाश्चात्य वैज्ञानिकों की करेंगे। नोबेल पुरस्कार विजेता Louise de Broglie Of Paris, Schrodinger, Max Born और Rechord Feynmann की।  Louise de Broglie Of Paris के मुताबिक उप कण तरंग व कण दोनों की तरह व्यवहार करते हैं...। इन्होंने इसे "Wavicles" कहा। Schrodinger ने उपकण के दोहरे व्यवहार की व्याख्या करने वाला एक फार्मूला दिया। बाद में Max Born ने सिद्ध किया कि Wavicles संभाव्य तरंगे हैं। यानि सटीक स्थिति की जगह हम इनके बारे में सिर्फ संभावनाएं जाहिर कर सकते हैं। आगे  Rechord Feynmann ने बताया कि सीधी नहीं, इलेक्टान की चाल अरेखिक होती है। अगर कोई इनकी गति का निरीक्षण करता है तो यह सजीव जैसे दिखते हैं...। कभी एक दिशा में जाते हुए तो कभी दूसरी दिशा में जाते हुए, कभी तरंग की तरह तो कभी कण की तरह।
इनको बताने का हमारा मकसद है कि विज्ञान पहले जिसे जड़ समझता था, आज चेतन मानने को तैयार दिखता है। यानि इसमें भी छान्दोग्य उपनिषद् की "सर्वम् खलु, इदम् ब्रह्म" की ध्वनि गूंजती सुनी जा सकती है....। जरुरत संवेदित होने की है...।
क्या कहेंगे आप...????

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