03 दिसंबर 1984 की भोपाल गैस त्रासदी पर एक किताब पढ़ते समय अग्रेंजी समाचार पत्र "द हिंदू" की एक स्टोरी पर नजर पड़ी...। आपको भी सुनाता हूं...।
....जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव होने के थोड़ी देर बाद अध्यापक एसएल कुशवाहा ने अपने घर में अग्निहोत्र यज्ञ करना शुरु कर दिया। इसके करीब बीस मिनट बाद गैस का असर उसके घर पर खत्म हो गया और उनकी जिंदगी बच गई....।
....जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव होने के थोड़ी देर बाद अध्यापक एसएल कुशवाहा ने अपने घर में अग्निहोत्र यज्ञ करना शुरु कर दिया। इसके करीब बीस मिनट बाद गैस का असर उसके घर पर खत्म हो गया और उनकी जिंदगी बच गई....।
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