मकान बनाने के लिए मिट्टी की क्वालिटी जाननी जरूरी होती है। 5 वीं सदी ईसा पूर्व के कई संस्कृत ग्रंथों में इसका विस्तार से वर्णन है। आपको हैरत हो सकती है कि एक तकनीक का आज भी धड़ल्ले से प्रयोग होता है। इसके मुताबिक पहले जमीन में गहरा गड्ढा खोदा जाता है। फिर इससे निकली मिट्टी से दुबारा गड्ढ़ा भरा जाता है। अगर गड्ढा भरने के बाद भी मिट्टी बची रहती है तो पता चलता है कि संबंधित जमीन मजबूत है और यहां मकान बनाना उपयुक्त रहेगा।
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