5 Jan 2012

चंद्र ग्रहण और हम

आप सभी ने शनिवार को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण देखा होगा। यानि आपका ऐसी खगोलीय घटना से साक्षात हुआ होगा जिसमें चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है। वहीं सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है। इतिहास की बात की जाए तो सभी प्राचीन सभ्यताओं को ग्रहण (सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण) आकर्षित करता रहा है। करीब 2000 ईसा पूर्व में मेसोपोटामिया, करीब 1300 ईसा पूर्व में चीन व करीब 700 ईसा पूर्व में बेबीलोन से ग्रहण की जानकारी मिलती है। लेकिन यहां तक सारा कुछ जानकारी के स्तर तक ही सीमित था। इससे आगे जाते हुए भारतीय मनीषी आर्यभट्ट ने ग्रहण लगने की वजह का पता लगाकर इसकी व्याख्या भी की।
पश्चिमी जगत की बात की जाए तो 18 वीं शदी की शुरुआत में इग्लैंड के Halley ने इस पर शोध किया। इन्होंने ग्रहण के पहले मैप का आकलन किया...

No comments:

Post a Comment