आप ब्रिटिश फिजिशियन William Harvey को जानते होंगे...। इन्होंने 1628 में नीदरलैंड से एक किताब प्रकाशित की। इसमें हृदय की गति और रक्त परिसंचरण का विस्तार से वर्णन था। इस लिहाज से इन्हें इसका आविष्कारक माना गया...। लेकिन संस्कृत ग्रंथों को भी देखिए। पढि़ए सुश्रुत व चरक को। जिन्होंने इसका वर्णन बहुत पहले किया था। न सिर्फ हृदय के अस्तित्व का, बल्कि रक्त के परिसंचरण का भी....।
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